सुर्ख़ वाला सौज वाला
फैज़ वाला Love
होता है जो Love से ज्यादा
वैसे वाला Love
मेरी नींद जैसे
पहली बार टूटी है
आँखें मालके के
मैंने देखी है सुबह
हुई धुप ज़्यादा लेके
तेरी रौशनी दिन चढ़ा
झाँके बादलों की जाली के पीच्चे से
करे चाँदनी ये मुझको इत्तला
लेके नूवर सारा चाँद मेरा यहीं पे है च्छूपा च्छूपा हुआ
इश्क़ वाला Love
ये क्या हुआ है क्या खबर
यही पता है ज़्यादा हुआ
इश्क़ वाला Love
अगर ये उसको भी हुआ है
फिर भी मुझको ज़्यादा हुआ
इश्क़ वाला Love