इस जगह आ गयी, चाहतें अब मेरी
छीन लूँगा तुम्हे सारी दुनिया से ही
तेरे इश्क पे हाँ, हक़ मेरा ही तो है
कह दिया है ये मैंने मेरे रब से भी
जिस रास्ते तू ना मिले
उसपे ना हो मेरे कदम
तेरे बिन अब ना लेंगे एक भी दम
तुझे कितना चाहने लगे हम
तेरे साथ हो जायेंगे ख़तम
तुझे कितना चाहने लगे हम
कल तुझको देखा था
मैंने अपने आंगन में
जैसे कह रही थी तुम
मुझे बंधन लो बंधन में
ये कैसा रिश्ता है
ये कैसे सपने हैं
बेगाने होकर भी
क्यू लगते अपने हैं
मैं सोच में रहती हूं
दार दार के कहती हूं
पल पल दिल के पास
तुम रहते हो
जीवन मीठी प्यास ये कहती हो
पल पल दिल के पास तुम रहती हो