तेरी चाहतों में कितना तड़पे हैं
सावन भी कितने तुझ बिन बरसे हैं
ज़िन्दगी में मेरी सारी जो भी कमी थी
तेरे आ जाने से अब नहीं रही
सदा ही रहना तुम मेरे करीब होके
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
तेरी मोहब्बत से साँसें मिली हैं
सदा रहना दिल में क़रीब होके
मिले हो तुम हमको, बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से
मिले हो तुम हमको, बड़े नसीबों से
चुराया है मैंने क़िस्मत की लकीरों से