काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती खोया-खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नहीं हर पल हर लम्हां, मैं कैसे सहता हूँ हर पल हर लम्हां, मैं खुद से ये कहता रहता हूँ तुझे भुला दिया ओ फिर क्यूँ तेरी यादों ने मुझे रुला दिया
काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती खोया-खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नहीं हर पल हर लम्हां, मैं कैसे सहता हूँ हर पल हर लम्हां, मैं खुद से ये कहता रहता हूँ तुझे भुला दिया ओ फिर क्यूँ तेरी यादों ने मुझे रुला दिया
काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती खोया-खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नहीं हर पल हर लम्हां, मैं कैसे सहता हूँ हर पल हर लम्हां, मैं खुद से ये कहता रहता हूँ तुझे भुला दिया ओ फिर क्यूँ तेरी यादों ने मुझे रुला दिया
काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती खोया-खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नहीं हर पल हर लम्हां, मैं कैसे सहता हूँ हर पल हर लम्हां, मैं खुद से ये कहता रहता हूँ तुझे भुला दिया ओ फिर क्यूँ तेरी यादों ने मुझे रुला दिया