सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
ओय सतरा बरस की यादें
पल में वापस मोड़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
सूरत से लगती थी भोली
तब खेली ये आँख मिचोली
सूरत से लगती थी भोली
तब खेली ये आँख मिचोली
कब बैठी नैनो की डोली
हमने तब जाना जब हमसे नाता तोड़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली
मेरे सपनो का शहजादा
मुझको लेने कब आये गा
मेरा डोला कब जाये गा
वो बनके दुल्हन लाल
चुनरिया सर पे ओढ़ चली
सलमा को मिल गया बलमा
सलमा हम को छोड़ चली