ज़रा करीब तो आओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ
के ज़िंदगी कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ
ये बाद मिज़ाज़ अंधेरे
डरा रहे हैं मुझे
ये बाद मिज़ाज़ अंधेरे
डरा रहे हैं मुझे
हर एक नज़र में वाफफा ओ की
रोशनी कम हैं
हर एक नज़र में वाफफा ओ की
रोशनी कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ
यहाँ से डोर भी जाए तो
हम कहाँ जाए
यहाँ से डोर भी जाए तो
हम कहाँ जाए
तमाम शहेर के मौसम में
ताज़गी कम हैं
तमाम शहेर के मौसम में
ताज़गी कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ
कहीं सुकून का इक पल
नसीब हो ना सका
कहीं सुकून का इक पल
नसीब हो ना सका
कहीं शोर जीयादा हैं
तो कहीं कम हैं
कहीं शोर जीयादा हैं
तो कहीं कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ
चला था लब पे
कोई आग का दरियाँ लेकर
चला था लब पे
कोई आग का दरियाँ लेकर
मिल हूँ तुमसे तो लगता हैं
टीशनगी कम हैं
मिल हूँ तुमसे तो लगता हैं
टीशनगी कम हैं
मुझे गले से लगाओ
के ज़िंदगी कम हैं
ज़रा करीब तो आओ.