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Kabhi Kisi Ko Muqammal Jahaan

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Paroles
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है

जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है

ज़ुबाँ मिली है मगर हम ज़ुबाँ नहीं मिलता

ज़ुबाँ मिली है मगर हम ज़ुबाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले

बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले

ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता

ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो

तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो

जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता

जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

Kabhi Kisi Ko Muqammal Jahaan par Bhupinder Singh/Lata Mangeshkar - Paroles et Couvertures