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Khush raho ehle chaman

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Md Rafi Sahablogo
꧁༺ᴹᴿ°᭄Suᴍɪᴛ࿐༻꧂logo
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Paroles
ख़ुश रहो अहल-ए-चमन हम तो चमन छोड़ चले

ख़ुश रहो अहल-ए-चमन

ख़ाक़ परदेस की छानेंगे वतन छोड़ चले

ख़ुश रहो अहल-ए-चमन ...

भूल जाना हमें हम याद के क़ाबिल ही नहीं -२

क्या पता दें कि हमारी कोई मंज़िल ही नहीं

अपनी तक़दीर के दरिया का तो साहिल ही नहीं

ख़ुश रहो अहल-ए-चमन ...

कोई भूले से हमें पूछे तो समझा देना

एक बुझता हुआ दीपक उसे दिखला देना

आँख जो उसकी छलक जाए तो बहला देना

ख़ुश रहो अहल-ए-चमन ...

रोज़ जब रात के आँचल में सितारे होंगे -२

ये समझ लेना कि वो अश्क़ हमारे होंगे

और किस हाल में हम दर्द के मारे होंगे

ख़ुश रहो अहल-ए-चमन ...