रंग लगाया तूने ऐसे, चुनरिया रंगीली हो गई
तूने भाँग पिलाई मोहे ऐसे, हवाएँ ये नशीली हो गई
रेशम की silky-silky कुर्ती सिलवाई
जुत्ती जयपुर से थी मैंने मँगवाई
(होली है)
रेशम की silky-silky कुर्ती सिलवाई
जुत्ती जयपुर से थी मैंने मँगवाई
रंग भरी पिचकारी भरके मारी
बेचारी, कि सारी चुनरिया रंगीली हो गई
मलमल की ये कुर्ती...
मलमल की ये कुर्ती तेरी मैली हो गई
मलमल की ये कुर्ती तेरी मैली हो गई
मलमल की ये कुर्ती तेरी मैली हो गई
रंग लगाया तूने ऐसे, चुनरिया रंगीली हो गई
तूने भाँग पिलाई मोहे ऐसे, हवाएँ ये नशीली हो गई
बात की नज़ाकत को ज़रा समझने की कोशिश कर
रंगीन ये जो समाँ हुआ है, हो रहा इसका असर
तेरी काली-काली ज़ुल्फ़ें, ये बिखरती हैं, बिखरने दे
रोक ना तू दिल को, दिल जो कह रहा है करने दे
जादू नहीं, टोना नहीं, घर जाने का रोना नहीं
साथ मिले कुछ लमहे तो फ़िर उन लमहों को खोना नहीं
(खोना नहीं) नहीं खोना नहीं, नहीं, नहीं, नहीं, खोना नहीं
आई होली, आई होली, ना कर आँख-मिचौली
देसी beat पे ठुमके लगाओ थोड़ा slowly
भाँग पिए तू, चढ़ती मुझे
तेरी आँखें ये नशीली मारे दिल पे है गोली
आई होली, आई होली, ना कर आँख-मिचौली
देसी beat पे ठुमके लगाओ थोड़ा slowly
करे दिल पे असर तेरी पतली कमर
ਤੇਰੇ ਖ਼ਾਤਿਰ ਪਾਵਾਂ ਬੋਲੀ
रंग लगाया तूने ऐसे, चुनरिया रंगीली हो गई
तूने भाँग पिलाई मोहे ऐसे, हवाएँ ये नशीली हो गई
रंग लगाया...
रंग लगाया तूने ऐसे, चुनरिया रंगीली हो गई
तूने भाँग पिलाई मोहे...
भाँग पिलाई मोहे ऐसे, हवाएँ ये नशीली हो गई
न-न-नशीली हो गई