तेरी गली से घर छोड़ के
दूसरे महल्ले में घर ले लिया
सुबह की अज़ान सुन के
नमाज़ की जगह पे तेरा नाम ले लिया
पर मेरी सुनी ना अल्लाह गैर हो गया
और दुनिया का हमसे भी तो वैर हो गया
हो कहीं तनहा न रहे जय वे
रोइ ना जो याद मेरी आयी वे
खुश रहीं अखां न भर आई वे
क्या हुआ जो तू मुझसे दूर हो गया
सपना दोनों का चूर चूर हो गया
हो तेरे साथ रहें मेरी परछाई वे
वैसे तो ख्याल तूने अपना
मेरे बिना रखना सीखा ही नहीं
जब मेरे बिना रहना होगा
तूने तो वो वक़्त अभी सोचा ही नहीं
सहारा कोई दे तो एहसान न लेना
दुःख पूछे जो कोई मेरा नाम ना लेना
हो अब जीते जी मैं न मर जाओं वे
रोइ ना जो याद मेरी आयी वे
खुश रहीं, अखां न भर आई वे
क्या हुआ जो तू मुझसे दूर हो गया
सपना दोनों का चूर चूर हो गया
हो तेरी साथ रहें मेरी परछाई वे…