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Lirik
Rekaman
रस्ते मंज़िलों से

क्यूँ बिछड़ जाते हैं

चेहरे अपनो के

क्यूँ बिखर जाते हैं

मेरा दिल मनचला

जिस डगर पे चला

मैं चल पड़ा चल पड़ा

ओ मैं चल पड़ा चल पड़ा

लम्हे साथ गुज़रे

कैसे खो जातें है

वादे दिल में काँटे

क्यूँ चुभो जाते हैं

मेरा दिल मनचला

जिस डगर पे चला

मैं चल पड़ा चल पड़ा

हो, मैं चल पड़ा चल पड़ा

इक डगर पाओं से

यूँ उलझती रही

धूप में भी कली

दिल की खिलती रही

ये तमाशा कभी

कभी ना हो खतम

मेरा दिल मनचला

जिस डगर पे चला

मैं चल पड़ा चल पड़ा

हो मैं चल पड़ा चल पड़ा

ओ मैं चल पड़ा चल पड़ा

ओ मैं चल पड़ा चल पड़ा

Selengkapnya dari K. S. Chithra,Kattassery Joseph Yesudas

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