जो भी तू कहे तू सुने क्यूँ है बेवजह
सीधे रास्ते है मगर फिर भी माने ना
ऊऊओ
ऊऊओ
काहे रे मन मेरे
क्यूँ सहे तू बावरा
जो भी है सब है यहीं
काहे रे तू माने ना
धीरे धीरे होश खो रहा हूँ
जानू ना मैं जानू ना मैं हूँ कहाँ.
अपने में ही मैं खोया जाऊ
कैसे ढूडूं कैसे पाऊ मंज़िल वो कहाँ
ऊवू
ऊवू
सीधे रास्ते मंज़िल सामने
फिर क्यूँ मैं रहूं उलझानो में खोया खोया
क्यूँ मैं जानू ना क्यूँ पहचानू ना
जन्नत है यहीं जो भी पाया वो ही खोया
धीरे धीरे होश खो रहा हूँ
जानू ना मैं जानू ना मैं हूँ कहाँ.
अपने में ही मैं खोया जाऊ
कैसे ढूडूं कैसे पाऊ मंज़िल वो कहाँ
ऊवू
ऊवू
सीधे रास्ते मंज़िल सामने
फिर क्यूँ मैं रहूं उलझानो में खोया खोया
क्यूँ मैं जानू ना क्यूँ पहचानू ना
जन्नत है यहीं जो भी पाया वो ही खोया