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ज़िंदगी

है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से

ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

तू ही है सुकून मेरा

तू ही है कयाम वे

घर जो सवार दे तू

बरसे गा आब वे

कभी तू दरार दिल की

पाए गी दरया

जिसे ढूंढता सदियों से करे इंतज़ार

ओ ओ

ज़िंदगी है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

केहदूँ में

ये बिन कही बातें यून

सुनले ना ये दिल की सदा

आँसू

जाने

बोलते फिर क्या

गम, कोई बतलादे ना

ज़िंदगी

है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

कभी आग मैं भी बरसे

सर्दियों से महके पल

कभी बारीशों में भी हो

आतीशों में जलता मन

मेरा बेकरार दिल ये

ढूंढता दरबार

तेरे दर के रास्ते में

हो गया तन्हा

ज़िंदगी है कितनी हसीन

है फिर भी कहीं

अजब तन्हाई

केसी ये वीरनियाँ

चुपके से

ये मुझसे कहे

अगन दिल की

सुलग जाने दे

केसी ये वीरनियाँ

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