यह लम्हा जो कहीं
पानी सा बह गया
जाते जाते यून ही
धीरे से कह गया आ
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो हो हो हो हो हो हो हो
तेरी सारी ख्वाहिशें बता
क्यूँ है बेज़ुबान
कह दे ज़माने से अभी
अपनी मर्ज़ियाँ
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो हो हो हो हो हो हो
क्यूँ दिल पे अब कोई
रखता है क़र्ज़ तू
सासें जितनी भी हैं
कर दे सब खर्च तू
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
लंबी रेस का हूँ घोड़ा
मैं ना हांफता अपना रास्ता
ज़िंदगी में तरक्की को नापता
क्यो सवाल बा
तेरे सर पे जो सॉवॅर सा
टेन्षन पाल नावता दे घाम को
च्छू ले अब तू आस्मा
मुंबई के छ्होकरे
रोक सके तो रोक ले
ठोकरें हर मोड़ पे
जा तू जा तोड़ ले
हम डंके की चोट पे
फुल पावर जोश में
जीने का शौक़ है
मौत का ना ख़ौफ़ है
हम ना डरते क्यो बस करते
जो आता दिल में हन
बिल्कुल भी फिल्मी ना
पर लेते मौत से लफडे क्यो
फालतू का रोना नही
सोचा जो करना वोही
फ़ूक़ट डरते नही
चार दिन की ज़िंदगी तो जी ले सही
जहाँ तेरा साथ छ्चोड़ दे
सारी यारियाँ
वहाँ तेरे काम आएँगी
यह जाबाज़ियाँ
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्यो
भूल जा बातें सब पुरानी
अब बढानी है कहानी
यह ज़िंद गानी है सुहानी
क्यूँ की जीने का शौक़ है तो
मरने का ख़ौफ़ क्या