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Fark Nahi Padta (From "Farzi")

Sachin-Jigar/Nikhil Paul George/DRVhuatong
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कोई मेरे बारे सोचे क्या

मुझे तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता (नहीं)

करो कोशिश जितना जी तुम्हारा चाहे

मुझे फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता

हैंसब परेशान, पूछें मेरी क्या पहचान

नहीं समझना मुझे आसान, मेरी जान मैं

थोड़ा क़यामत, थोड़ी सी आफ़त

थोड़ा जलती आग में पानी

दिल फ़कीरा, दिमाग़ में है कीड़ा

हरक़त जैसे पूरी दुनिया का मैं हूँ हीरा

लत है या कोई है बीमारी

चमकादे सबको अपनी होशियारी

कोई मेरे बारे सोचे क्या

मुझे तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता

करो कोशिश जितना जी तुम्हारा चाहे

मुझे फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता

छापा-छापा-छापा, कहीं छापा नहीं मारा

छापा वो चाहा जो मैंने, चाहा वो पाया है मैंने

समाज में करता favour, ना करता बेईमानी

Uh, दिल नवाबी, दिमाग़ में ख़राबी

घिस-घिस के मैंने अपनी क़िस्मत है चमकादी

लत है या कोई है बीमारी

चमकादे सबको अपनी होशियारी

चाहिए नहीं तेरी दो राए जो है सो, भाई

बर्बाद ना कर वक़्त मेरा, बजे दो-ढाई

नहीं आना मुझे है ज़मीन पे, मैं हूँ so high

उठाते मेरी नींद से जो ना सो पाएँ

कोई मेरे बारे सोचे क्या

मुझे तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता

करो कोशिश जितना जी तुम्हारा चाहे

मुझे फ़र्क नहीं पड़ता, कोई फ़र्क नहीं पड़ता

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