
Aaj Ibaadat
आज इबादत
आज इबादत रूबरू हो गयी
जो माँगी थी जो माँगी थी
उस दुआ से गुफ्तगू हो गयी
आ
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला, मेरे मौला
तेरा शुक्रिया
आज इबादत रूबरू हो गयी
दर्द के अंधेरो से
आ गये उजालों में
इश्क़ के चरगों का
नूर है ख़यालों में
दर्द के अंधेरो से
आ गये उजालों में
इश्क़ के चरगों का
नूवर है ख़यालों में
नज़रों से तेरी चाक
दिल पे रफु हो गयी
दिल पे रफु हो गयी
धी ध नी ना नी न रे ग म
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला, मेरे मौला
तेरा शुक्रिया
आज इबादत रूबरू हो गयी
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला, मेरे मौला
मेरे मौला.........