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kya karoon?

ZAEDENhuatong
spedro2005huatong
Letra
Gravações
सोचता हूँ मैं हर एक दिन ये

क्या बातें करूँ? क्या जानूँ मैं तुझसे?

कहता हूँ मैं हर दिन खुद से

सपना है तू पाऊँ तुझे कैसे?

रोज यूँ खो रहा हूँ, बेवजह गा रहा हूँ

रात-दिन तेरा नाम लूँ

कभी-कभी लगता है कि तू एक अपना है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

मेरी इस हालत पे मुझे यही लगता है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

डरता था मैं, पर अब कब से

हँसता ही हूँ जाना तुझे जब से

रहता ही हूँ खोया-खोया सब से

तू जो है मिला, मैं मिला हूँ खुद से

रोज़ यूँ खो रहा हूँ, बेवजह गा रहा हूँ

रात-दिन तेरा नाम लूँ (तेरा ही नाम लूँ मैं)

कभी-कभी लगता है कि तू एक अपना है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

मेरी इस हालत पे मुझे यही लगता है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

चारों तरफ़ तू ही दिखे, क्या करूँ मैं तू बता

खो ही गया तुझमें मैं (फिर क्यूँ?)

कभी-कभी लगता है कि तू एक अपना है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

मेरी इस हालत पे मुझे यही लगता है

तेरे बिन अब मैं क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

क्या करूँ? क्या करूँ?

क्या करूँ? क्या करूँ मैं?

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