ज़िंदगी के इस खेल में जब तू नज़र आई
हर घड़ी, हर वक़्त, हर लमहा, तू ही तू छाई
ज़िंदगी के इस खेल में जब तू नज़र आई
हर घड़ी, हर वक़्त, हर लमहा, तू ही तू छाई
हुआ ये क्यूँ वोओह ओह ओह
समझ ले तू वोओह ओह ओह
के आँखों पे तेरी जो पलकों का पहरा है
ताला जैसे चाँद पर
सीने में मेरी जो दिल है वो तेरा है
अपना ले मुझ को तू
के दिल ये मेरा तुझ पे आके जो ठहरा है
दिन में सपने, रात मैं जागूँ
सीने में मेरी जो दिल है वो तेरा है
अपना ले मुझ को तू
रा रा रा रा रा रा रा रा
रा रा रा रा रा रा रा रा
क्यूँ लगने लगा ये आसमाँ थोड़ा नया
हाँ, तू है यहाँ, तुझे ढूँढता सारा जहाँ
तेरी हँसी में इक नशा है
जिस में डूबने हूँ लगा
सोचा यही है बिन सोचे कह दूँ
तेरा जो मैं होने लगा
ख़बर है तुझ से ही तू पूछे, कैसी तनहाई
दिल की भरी इस अदालत में कर ले सुनवाई
हुआ ये क्यूँ वोओह ओह ओह
समझ ले तू वोओह ओह ओह
के आँखों पे तेरी जो पलकों का पहरा है
ताला जैसे चाँद पर
सीने में मेरी जो दिल है वो तेरा है
अपना ले मुझ को तू
के दिल ये मेरा तुझ पे आके जो ठहरा है
दिन में सपने, रात मैं जागूँ
सीने में मेरी जो दिल है वो तेरा है
अपना ले मुझ को तू
रा रा रा रा रा रा रा रा हा