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Raabta

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तू लिखे दर्द तो मैं आगे बेहिसाब लिखूँ

तू लिखे शाम, मैं ग़म गिले और शराब लिखूँ

तू गुज़रा ज़माना लगे, मैं तुझ पे किताब लिखूँ

रियाज़ी कमज़ोर मेरी

दुनिया गड़बड़ी करती हिसाब में क्यूँ?

खुली किताब भी हूँ

रहता हूँ खुद में एक राज़ सा क्यूँ?

उर्दू rap को मैं लाज़िम हूँ

उर्दू rap पे मैं नाज़िल हूँ

अपने ख्वाब किए पूरे

अपनों की उम्मीद-ए-नाज़ का कातिल हूँ

अपने ख्वाब किए पूरे

ख्वाब मंज़िल है और मैं एक मुसाफ़िर हूँ

खुदा ने दी है ये इज़्ज़त

कसम खुदा की मैं नहीं था इस लायक भी

अंग्रेजी rappers को सुनता था

टूटी-फूटी जैसी भी समझ आई थी

मैं सिर्फ़ करना चाहता शायरी

मेरी कला लगी लोगों काहिली

माँ ने हर खवाहिश की पूरी

ज़रूरत में बनी बाप भी भाई भी

मैं लिखता नहीं कलम से

कहीं आँसुओं से बिखर जाए ना शायरी

अंदर से हम सब उदास हैं, मुस्कुराहटें हैं जायरी

Came from a broken family

Music ही मेरा escape था

मुड़ के अब देखता हाल अजीब था

अब मैं लाखों में ये गाने बेचता

अब मैं कहता हूँ ज़िंदगी stage सी

जो मैं ना करूँ वो नहीं mainstream

मैं बत्तमीज़ लेकिन मेहनती

मैं fans के दिल में रहूँ rent free

मेरी जेबों में note भरे pant की

I only show you what you can see

मैं ने जान लगा दी के लोग मुझे जाने

अब irritate करती attention

मुझे खोखे पे लोग रोके photo के लिए

पसंद नहीं निकलना है घर से

जिम्मेदारी से कहता हूँ गुस्से की असल वजह

अक्सर बनती चरस है

हम मसलों को देखते हैं face value पे

नहीं पकड़ पाते उन्हें जड़ से

मैं सुनाने बैठा जो अपनी तो पूछोगे

क्या वो दर्द भी दर्द थे पर

अभी जा नहीं

दिल खाली है तेरी जरूरत है नजरें बुला रहीं

अभी जा नहीं

जिस के होने से था साया कड़ी धूप में

जो सच ढूँढ लेता था मेरे हर झूठ में

रिश्ते अमर हैं ये राबते नहीं टूटते

अभी जा नहीं

जिस के होने से था साया कड़ी धूप में

जो सच ढूँढ लेता था मेरे हर झूठ में

रिश्ते अमर हैं ये राबते नहीं टूटते

अभी जा नहीं

था वक़्त जब कहने को लफ़्ज़ नहीं थे

अब जब लफ़्ज़ हैं वक़्त नहीं

Each day तेरा भी करता evolve

बाँकी ये लौंडे हैं अब भी वहीं

नहीं बनेगी तू मेरी fantasy

But still, you will be my fan to see me rap

इनके लिए ना कभी करता हूँ घड़ी reverse फ़िर

करूँगा मैं कैसे इन्हे back

लोग करते शोर जिनके बीच हूँ मैं

जो भी सुने मुझे उसके क़रीब हूँ मैं

रंगीन हूँ गरीबों की सोहबत से दूर हो के

समझ बैठा खुद को अमीर हूँ मैं

मेरे साथ वाले साथ वाले कमरे में

और इस कमरे में गैर मेरे साथ हैं

थोड़ा जाग रहा मैं सपने में

अवाम कब तक करूँगा बर्दास्त ये?

जर्फ बाँट दे बोले कलाम मेरे साथ में

कभी-कभी होते शेर बिना काफ़िए

मेहमान सारे अपने ही घरों में

इंसान सदा मौताज अगली साँस के

इन्हें खुश लगे महज़ हसरत

मुखतालिफ़ लोग लेते मुखतालिफ़ मतलब

इन बातों का मैं वक़्त निकाल के देखूँ

के हैं यह नाराज़ करें या नफ़रत

खैर जो भी उनका शुक्रिया

जिस-जिस ने भी लिखने को लफ़्ज़ दिया

पास तख्त इनके जोरता पर कुर्सियाँ

बेग़रज़ थोड़ा खुद को है कर दिया

मैंने घर दिया इनके दिलों में खुद को

जाती over headlines मेरी खबर तुम को

मैं एक तालिब इल्म खोजता जवाब काफ़ी लिया सीख

लेकिन नहीं ढूँढ पाया खुद को

खानाबदोश में दो मुझे दोष नहीं

तुम मुझे जानते बस हो मेरे दोस्त नहीं

अगर मैं खलाए मखलूक तेरे मुताबिक़

तो मेरे आगे यूँ हवा में चोर नहीं

तूफ़ान तेरे भाई जब भी करे काम

If I drink and drive तो traffic होनी नहीं जाम

ज़ेहन पे जोर दे कौन मैं बोल दे

भाई तेरा कोइले में हीरा खुलते इनके नहीं कान

मुझे ना पता क्या मेरा है level क्या?

ये लेते हैं मेरा नाम

मैं रहूँगा यहाँ पर कहूँगा

किया था rap तलहा अंजुम के साथ

मैं side नहीं लेता तुम मेरी इस आदत की वजह से हो ना नाराज़

इनकी नज़र में हूँ क्या कुछ नहीं मैं

जो नहीं तो बस कलाकार

अभी जा नहीं

दिल खाली है तेरी जरूरत है नजरें बुला रहीं

अभी जा नहीं

जिसके होने से था साया कड़ी धूप में

जो सच ढूँढ लेता था मेरे हर झूठ में

रिश्ते अमर हैं ये राबते नहीं टूटते

अभी जा नहीं

जिसके होने से था साया कड़ी धूप में

जो सच ढूँढ लेता था मेरे हर झूठ में

रिश्ते अमर हैं ये राबते नहीं टूटते

अभी जा नहीं