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Rah - E - Ulfat Mein (Album Version)

Ahmed & Mohammed Hussain/Ustad Mohammed Hussainhuatong
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Şarkı Sözleri
Kayıtlar
तुम जो हस्ती हो तो मस्ताना कमाल लगती हो

मेरे काशेल हो ग़ालिब की गाज़ल लगती हो

संगे मरमर से तराशा हुआ कोहिनूर बदन

साँस लेता हुआ इक ताज महल लगती हो

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

जाइए खैर कोई बात नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

आते जाते सलाम होता हैं

आते जाते सलाम होता हैं

सलाम होता हैं

आते जाते सलाम होता हैं

पहले जैसी तालुकात नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

यूँ तो हर्चीज़ मेरे पास में हैं

यूँ तो हर्चीज़ मेरे पास में हैं

सिर्फ़ हाथो में उनका हाथ नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

तुम जो मोजूद हो तो सब कुच्छ हैं

तुम जो मोजूद हो तो सब कुच्छ हैं

तुम जो नही तो कयनात नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

चाँद तन्हा सफ़र में आए हसरत

चाँद तन्हा चाँद

चाँद तन्हा..चाँद तन्हा..

चाँद तन्हा..चाँद तन्हा..

चाँद तन्हा..चाँद तन्हा..

चाँद तन्हा सफ़र में हैं हसरत

संग तारो की वो बारात नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

रह-ए-उलफत में आप साथ नही

जाइए खैर कोई बात नही

रह-ए-उलफत में

रह-ए-उलफत में

रह-ए-उलफत में आप साथ नही.

Ahmed & Mohammed Hussain/Ustad Mohammed Hussain'dan Daha Fazlası

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