जान-ए-जाँ ढूँढता फिर रहा हूँ तुम्हें रात दिन
मैं यहाँ से वहाँ
मुझको आवाज़ दो छुप गये हो सनम तुम कहाँ
मैं यहाँ
तुम कहाँ
मैं यहाँ
जान-ए-जाँ ...
दिल मचलने लगा, यूँही ढलने लगा
रंग भरा प्यार का ये समा
और ऐसे में बस छोड़ के चल दिये
तुम कहाँ
मैं यहाँ ...
ऐ मेरे हमसफ़र, प्यार की राह पर
साथ चले हम मगर, क्या खबर
रास्ते में कहीं रह गये हम्नशीँ
तुम कहाँ
मैं यहाँ ...
पास हो तुम खड़े, मेरे दिल में छुपे
और मुझे कुछ पता न चला
दिल में देखा नहीं, देखा सारा जहाँ
तुम कहाँ
मैं यहाँ ...