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गोपाल गोकुल वल्लभे 
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं। 
चरनरविन्दं महं भजे 
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं। 
चरनरविन्दं महं भजे 
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं। 
विनती सुनिए, 
विनती सुनिए नाथ हमारी, 
विनती सुनिए नाथ हमारी । 
ह्रदयस्वर हरि ह्रदय बिहारी, 
ह्रदयस्वर हरि ह्रदय बिहारी ॥ 
मोर मुकुट पिताम्बर धारी, 
विनती सुनिए नाथ हमारी । 
जन्म जन्म की लगी लगन हैं , 
जन्म जन्म की लगी लगन हैं , 
साक्षी तारों भरा गगन हैं, 
गिन गिन साँस आस कहती हैं, 
आएँगे श्री कृष्ण मुरारी.... 
विनती सुनिए नाथ हमारी ॥ 
सतत परीक्षा अपलव लोचन, 
सतत परीक्षा अपलव लोचन । 
हे भवबाधा विक्ती विमोचन । 
स्वागत का अधिकार दीजिए, 
शरणागत है नयन पुजारी, 
विनती सुनिए नाथ हमारी ॥ 
और कहूँ क्याऽ अंतरयामी, 
और कहूँ क्याऽ अंतरयामी , 
तन मन धन प्राणोँ के स्वामी, 
करुणा कर आकर ये कहिए, 
श्रीकारी विनती स्वीकारी । 
विनती सुनिए नाथ हमारी ॥ 
ह्रदयस्वर हरि ह्रदय बिहारी, 
ह्रदयस्वर हरि ह्रदय बिहारी ॥ 
मोर मुकुट पिताम्बर धारी, 
विनती सुनिए नाथ हमारी । 
विनती सुनिए.. नाथ.. हमारी... ।