बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना
बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना
अब याद मुझे रास्ते वो
जिन रास्तो पे वादो की बिछती लड़ी
हाँ कर देते वादे क्यों
करू यादें भी रिश्ते की बिखरी पड़ी
दिखो ना अब पास में क्यों
क्या हो बात अब मुद्दे भी मिलते नहीं
समेट रखी यादें युं
खुल जाए जो हवाओं की लहर चली
हर वक़्त मैं सख़्त हुँ लगता रहा
बचा अंदर से धूल में दिख ना सका
घिरा लोगों के बीच में खुद से कभी
ना ये समझेंगे सोच के लिख ना सका
तुझे देखना दुखी क्यों ये ख्वाइश बनी
ऐसा सोचना मेरा भी तो जायज़् नहीं
जब बटोरता हिस्से मैं दिल के कभी
लग जाए ये सोच भी कायर नहीं
बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना
बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना
मेरे ख्वाबों से तू अब चली गई
मेरे नाम का तुझमें वास नहीं
मेरी ख्वाइशें अब बची नहीं
मेरे दर्द का तुझे एहसास नहीं
इसी दर्द को सोचके हसने लगा
फिर सोच के बोझ में मरने लगा
मिली ख़ुशी तेरे जाने से अब क्यों मुझे
इस झूट का मुझपे विकार नहीं
खाई कसमें जो सारी अब झूठी बनी
तेरे आने का मुझे इंतज़ार नहीं
एक पल में जो मुझसे थी दूरी करी
मेरे खुशियों पे तेरा अधिकार नहीं
वो लम्हे जो काटे थे प्यार के
किसी दुनिया में चर्चे हज़ार थे
अपने, वो कह रहे मुझको संभाल के
मैं घुट रहा हुँ खुदसे ही हार के
मिले सांप से जो प्यार वो अब आपसे न मिले
बस तन्हाइयोँ की यहाँ रातें बची
खुली आँख सोया रात ताकी ख्वाब में ना दिखे
मेरी तक़दीर की यहाँ पे अब लाश-ए-बिछी
बोला जान, मिला अपमान मुझे
रहा कदमों में कैसे इस औरत के?
करूँगा हासिल मैं ऐसा मुक़ाम
की तु जले देख मुझे अपने बिना उस शौहरत में
बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना
बालियाँ करे परेशान नहीं
अब वो मुक़ाम नहीं मेरा
होठो पे अब तेरा नाम नहीं
लगे इल्ज़ाम भी हैना