फ़नकार - नरेंद्र चंचल
गीतकार - चमन लाहोरी
संगीतकार - श्यामजी - घनश्यामजी
ट्रैक - नईम सुरजवाला
कभी ग़म से दिल लगाया... हो
कभी अश्क़ के सहारे…..
कभी शब गुजारी रो के
कभी गिन के चाँद तारे
कभी गिन के चाँद तारे
कभी गिन के चाँद तारे
कभी ग़म से दिल लगाया...
ग़म-ए-आशिक़ी के सदमे,
मुझे और देना हमदम
ग़म-ए-आशिक़ी के सदमे
मेरे दिन गुजर रहे हैं...
मेरे दिन गुजर रहे हैं,
तेरी याद के सहारे
तेरी याद के सहारे
तेरी याद के सहारे
तेरी याद के सहारे
कभी ग़म से दिल लगाया...
गुलशन परस्त मैं हूँ,
अहल-ए-चमन से कह दो
गुलशन परस्त मैं हूँ,
खून-ए-जिगर से हमने...
खून-ए-जिगर से हमने,
फूलों के रुख़ निखारे
फूलों के रुख़ निखारे
फूलों के रुख़ निखारे
फूलों के रुख़ निखारे
कभी ग़म से दिल लगाया...
तुझे वास्ता ख़ुदा का,
ज़रा देख ले इधर भी
तुझे वास्ता ख़ुदा का,
घबरा के मर न जाएं...
घबरा के मर न जाए,
शब-ए-हिजर ग़म के मारे
शब-ए-हिजर ग़म के मारे
शब-ए-हिजर ग़म के मारे
शब-ए-हिजर ग़म के मारे
कभी ग़म से दिल लगाया...
मोंज़ो में हे दफीना,
हैं ना खुदा करुँ क्या
मोंज़ो में हे दफीना,
डूबे हुए हैं मेरी…
डूबे हुए हैं मेरी
उम्मीद के कनारे
उम्मीद के कनारे
उम्मीद के कनारे
उम्मीद के कनारे
कभी गम से दिल लगाया…
ठुकरा रही हे दुनिया,
हर गाम पे मुझी को
ठुकरा रही हे दुनिया,
कोई नहीं हे ऐसा…
कोई नहीं हे ऐसा
तक़दीर हो संवारे
तक़दीर हो संवारे
तक़दीर हो संवारे
तक़दीर हो संवारे
कभी गम से दिल लगाया…