हो हो हो हो हो
इन हाथों में जब से है
आया ये हाथ तुम्हारा
जैसे दरिया की हलचल को
मिल जाए कोई किनारा
तुम्हारे संग आवारगी भी
आवारगी भी
देती है जैसे सुकून
तुम्हारे संग हर एक लम्हा
हर एक लम्हा
याद नई मैं बुनू
तुम हो तो सुबह नई है
तुम हो तो शामें हसीन हैं
इक दुनिया सपनों सी है
तुम हो तो इसपे यकीन है
तुम हो तो सब अच्छा है
तुम हो तो वक़्त थमा है
तुम हो तो ये लम्हा है
तुम हो तो इसमें सदा है
तुम हो तो
इस लम्हे में सदा है
तुम मिले इन दर्दों में राहत बन के
तुम मिले इक सूफ़ी की चाहत बन के
मैं क्या कहूं, कोई लव्ज़ ही काबिल नहीं हैं
पर मुझको इतना है पता
तुम्हारी इन आँखों से सारे, आँखों से सारे ले लू अंधेरे तेरे
मेरी जां, अभी बाटेंगे मिल के, बाटेंगे मिल के सारे सवेरे मेरे
तुम हो तो धूप है मद्धम, तुम हो तो छांव है हर दम
तुम हो तो हक़ में है मेरे आते-जाते ये मौसम
तुम हो तो सब अच्छा है, तुम हो तो वक़्त थमा है
तुम हो तो ये लम्हा है, तुम हो तो इस में सदा है
हम ना जाने ऐसे हम कब हंसे थे
हम ऐसे ही बेसबब जी रहे थे
मेरी ये दुआएं सुन ली किसी ने
लगता है सच में ख़ुदा है
ऐसे तो कोई भी
मिलता कहा है
जैसे मुझको तू मिला
तुम्हारे संग जो भी मिला है
अब एक पल भी खोना नहीं है मुझे
तुम्हारे संग रातों में जग के
देखु तुम्हें बस सोना नहीं है मुझे
तुम हो तो सब अच्छा है
तुम हो तो वक़्त थमा हे
तुम हो तो ये लम्हा है
तुम हो तो इसमें सदा है
तुम हो तो
क्या लम्हे में सदा है
जो तुम हो तो
जो तुम हो तो
तुम हो तो हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म हम्म